मद्रास हाईकोर्ट की फटकार का असर! चुनाव आयोग ने जारी की नई गाइडलाइन, कहा - ना जीत का जश्न मनेगा, ना जुलूस निकलेगा

By: Pinki Tue, 27 Apr 2021 1:03:07

मद्रास हाईकोर्ट की फटकार का असर! चुनाव आयोग ने जारी की नई गाइडलाइन, कहा - ना जीत का जश्न मनेगा, ना जुलूस निकलेगा

मद्रास हाईकोर्ट की फटकार के एक दिन बाद भारत निर्वाचन आयोग ने चार राज्यों- असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और एक केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी की मतगणना को लेकर अहम ऐलान किया है। आयोग ने 2 मई को आने वाले पांच राज्यों के विधानसभा नतीजों पर कहा गया है कि वोटों की काउंटिंग के दौरान या नतीजे आने के बाद किसी तरह का जुलूस नहीं निकाला जाएगा और न ही जश्न मनाया जाएगा। नतीजों के बाद कोई भी उम्मीदवार सिर्फ दो लोगों के साथ ही अपनी जीत का सर्टिफिकेट लेने जा सकता है।

2 मई को तमिलनाडु, केरल, पुड्डुचेरी, असम और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के परिणाम आने हैं। बंगाल में 7 चरणों के चुनाव हो चुके हैं। आखिरी चरण के लिए वोटिंग 29 अप्रैल को होनी है। बाकी राज्यों में चुनाव हो चुके हैं।

गौरतलब है कि चुनाव आयोग की ओर से यह फैसला मद्रास हाईकोर्ट द्वारा की गई एक गंभीर टिप्पणी के बाद लिया गया। हाईकोर्ट ने सोमवार को निर्वाचन आयोग की तीखी आलोचना करते हुए देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के लिये उसे अकेले 'जिम्मेदार' करार देते हुए 'सबसे गैर जिम्मेदार संस्था' बताया था। अदालत ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा था कि निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के खिलाफ हत्या के आरोपों में भी मामला दर्ज किया जा सकता है। अदालत ने कहा था कि निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को रैलियां और सभाएं करने की अनुमति देकर महामारी को फैलने के मौका दिया।

तमिलनाडु की करूर सीट के लिए याचिका दायर हुई थी

मद्रास हाईकोर्ट तमिलनाडु की करूर विधानसभा सीट पर होने वाली काउंटिंग को लेकर दायर पिटीशन पर सुनवाई कर रहा था। पिटीशन में मांग की गई है कि इस विधानसभा सीट पर 77 उम्मीदवार मैदान में हैं, इसलिए 2 मई को काउंटिंग के दिन यहां कोविड प्रोटोकॉल का पालन होना चाहिए।

काउंटिंग को लेकर हाईकोर्ट की 6 टिप्पणियां

- आप इसे सुनिश्चित कीजिए कि काउंटिंग के दिन कोविड प्रोटोकॉल पर अमल हो।
- किसी भी कीमत पर राजनीतिक या गैर-राजनीतिक वजह से काउंटिंग का दिन कोरोना के मामलों को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार नहीं होना चाहिए।
- या तो काउंटिंग तरीके से हो या फिर उसे टाल दिया जाएगा।
- लोगों की सेहत सबसे अहम है। यह बात परेशान करती है कि प्रशासन को इस बात की याद दिलानी पड़ती है।
- जब नागरिक जिंदा रहेंगे, तभी वे उन अधिकारों का इस्तेमाल कर पाएंगे, जो उन्हें इस लोकतांत्रिक गणराज्य में मिले हैं।
- आज के हालात जिंदा रहने और लोगों को बचाए रखने के लिए हैं, दूसरी सारी चीजें इसके बाद आती हैं।

कोरोना के बीच चुनाव पर उठ रहे थे सवाल

कोरोना की दूसरी लहर ने खतरनाक रूप ले लिया है। ऐसे में चुनावी रैलियों में उमड़ी भीड़ पर लगातार सवाल खड़े किए जा रहे थे। बंगाल में 7वें चरण के मतदान से पहले चुनाव आयोग ने बड़ी रैलियों, रोड शो और पद यात्रा पर रोक लगा दी थी। राजनीतिक दलों से वर्चुअल सभाएं करने की अपील की थी।

आपको बता दे, देश में कोरोना की दूसरी लहर कहर बनकर टूटी है। देश में बीते 24 घंटे में 3.19 लाख नए कोरोना संक्रमित मिले और 2,762 संक्रमितों की मौत हो गई। हालांकि राहत की बात है कि रिकॉर्ड 2.48 लाख मरीज ठीक भी हुए। संक्रमण को मात देने वालों का यह आंकड़ा अब तक सबसे ज्यादा है। एक्टिव केस, यानी इलाज करा रहे मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी पर भी कुछ लगाम लगती दिखाई दे रही है। बीते दिन एक्टिव केस में सिर्फ 67,660 की बढ़त दर्ज की गई। यह पिछले 14 दिन में सबसे कम है। इससे पहले 12 अप्रैल को इलाज करा रहे मरीजों की संख्या में 63,065 की वृद्धि हुई थी।

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